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Himalayan View From Sitamadhi..!! |
सीतामढ़ी से दिखा हिमालय की बर्फीली पहाड़ियों का नजारा
सीतामढ़ी : पांच दशक पहले तक जब सीतामढ़ी में प्रदूषण का स्तर निम्न था, तो यहां से हिमालय की चोटियां नजर आती थीं। किंतु पिछले कुछ दशकों में प्रदूषण के स्तर में व्यापक रूप से बढ़ोतरी के के कारण यह अद्भुत नज़ारा कहीं ओझल हो गया।
आज, एक तरफ जहां लोग कारोना वायरस के प्रकोप से त्रस्त है वहीं दूसरी तरफ इसकी वजह से हुए लॉकडॉउन ने पर्यावरण को संरछित करने का भी काम किया है। क्योंकि लॉकडाउन ने न सिर्फ हमे और आपको लॉक किया है, अपितु इसने प्रदूषण को भी लॉक कर दिया है। इतना, कि आज फिर एक बार फिर सीतामढ़ी से हिमालय की चोटियां दिखने लगी है। लोग खुली आंखों से प्रकृति के इस दृश्य को देख रोमांचित हो रहे।
आपको बता दे, कि हिमालय की चोटियां सीतामढ़ी से लगभग 180- 190 किलोमीटर दूर है। सड़क मार्ग से जाने पर यह दूरी बढ़कर तकरीबन 400 किलोमीटर हो जाती है। इतनी दूर होने के बावजूद भी हिमालय की चोटियों का सीतामढ़ी से दिखना, वाकई में वहां के लोगों को रोमांचित कर देने वाली बात है।
साइंस फॉर ऑल के महासचिव मो. इस्तेयाक ने अपने एक बयान में कहा, कि सीमावर्ती क्षेत्रों से हिमालय का दिखना कोई आश्चर्यजनक नहीं है। सीतामढ़ी, शिवहर,मोतिहारी, बगहा और पश्चिमी चंपारण जिले हिमालयी रेंज में आते हैं। और कई दशक पहले इन सीमावर्ती क्षेत्रों के कुछ इलाकों से हिमालय की चोटियां दिखाई भी देती थी। लेकिन लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते यह धीरे धीरे ओझल होता चला गया।
प्रख्यात इतिहासविद् व पुरातत्ववेत्ता देवेश अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 1970-75 तक, अक्टूबर से मार्च के पहले सप्ताह तक हिमालय की चोटियां बिल्कुल साफ दिखाई देती थीं। और केवल बादल रहने पर ही हिमालय चोटियों का दीदार नहीं हो पाता था।
सामान्य स्थिति में सूर्योदय व सूर्यास्त के समय जब हिमालय बर्फीली चोटियों पर सूर्य की किरणें पड़ती थीं, तब चोटियां गुलाबी दिखती थीं।
आज एक बार फिर हिमालय की चोटियों का दिखना वाकई में बहुत खुशी होने वाली बात है। सोनबरसा प्रखंड की सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया रितु जायसवाल ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से बताता कि जिनको भी खुली आंखों से हिमालय का दिखना दीदार करना है, वो उनके इलाके में आकर खुली आंखों से इसका दीदार कर सकते हैं।
निष्कर्ष - कई दशकों बाद सीतामढ़ी से हिमालय की चोटियों का दिखना वाकई में बहुत खुशी की बात हैं। यह सिर्फ इसलिए हो सका क्योंकि लॉकडाउन के कारण प्रदूषण के स्तर में बहुत कमी आईं है।
किंतु अगर लोग और सरकार समय रहते पर्यावरण प्रदूषण की गंभीरता को समझते हुए, इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक क़दम नहीं उठाए, तो इसे फिर से ओझल होने में ज्यादा देर नहीं लगेगी।
Adhbhut...🙏
ردحذفwe wish you a great success as a blogger.😍
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ردحذفJhakash
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