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Charlie Chaplin: Life Story in Hindi - Chaplin's Quotes

Charlie Chaplin: Life Story in Hindi - Chaplin's Quotes

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Charlie Chaplin Life Story in Hindi, Chaplin's Quotes - SocialWelBeing.in

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Full Name - Charles Spencer Chaplin

Date of Birth - 16 April 1889

Birth Place - England

Demise Date - 25 December 1977

Demise Place - Switzerland America

Occupation - Actor, Director, Composer, Screenwriter, Producer, Editor

Total Year of Work - 75 Years

Website - charliechaplin.com



चार्ली चैपलिन का पूरा नाम "सर चार्ल्स स्पेंसर चैपलिन" था। उनका जन्म 16 अप्रैल 1889 को इंग्लैंड में हुआ था। उनके पिता "चार्ल्स चैपलिन सीनियर" पेशे से एक अभिनेता और संगीतज्ञ थे, तथा उनकी माता "हैन्ना हिल" एक संगीतज्ञ थी।

वह एक सफल अंग्रेजी हास्य अभिनेता, फिल्म निर्माता और एक संगीतकार थे, जो मूक फिल्म के युग में अपने स्क्रीन व्यक्तित्व, "द ट्रम्प" के माध्यम से दुनिया भर में प्रचलित हुये थे, तथा क्लासिकल हॉलीवुड युग के प्रारंभिक से मध्य युग तक सक्रीय रहे और खूब चर्चाएं बटोरी।

चार्ली चैपलिन ने अपनी बेहतरीन अदाकारी के दम पर अपना नाम फिल्म उद्योग के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण आंकड़ों में दर्ज करवाया। अपने जीवनकाल से लेकर मरणोपरांत तक उन्हें अनगिनत पुरस्कारों से नवाजा गया।

88 वर्ष की कुल आयु में उनका अभिनय करियर 75 वर्ष लंबा रहा। इस दौरान उनकी उच्च-स्तरीय सार्वजनिक और निजी जिंदगी में अतिप्रशंसा और विवाद दोनों सम्मिलित हैं।

चैपलिन का बचपन काफी गरीबी और कठिनाई के बीच बिता। जब चैपलिन 3 वर्ष के थे तभी उनके पिता उन्हें और उनकी माता को छोड़कर चले गए। उनके पिता के जाने के बाद चैपलिन के परवरिश की जिम्मेदारी उनकी माता हैन्ना हिल ने उठाई। चैप्लिन के अभिनय कैरियर की शुरूआत 5 वर्ष की उम्र में ही तब हों गई, जब एक स्टेज शो पर परफॉर्म करने के दौरान उनकी मां की आवाज चली गई, और चैपलिन ने स्टेज पर आकर अपनी मासूम हरकतों से गुस्साए दर्शकों को शांत किया।

घर के मुखिया के न होने तथा आर्थिक आमदनी का कोई जड़िया न होने की वजह से उनके परिवार को काफी आर्थिक तंगी और संघर्ष का सामना करना पड़ा था। नौ साल की उम्र में ही, चैपलिन दो अलग अलग जगहों पर काम कर चुके थे। आर्थिक तंगी की वजह से धीरे धीरे चैपलिन के मां की हालत इतनी खराब हो गई कि चैपलिन की मां को मानसिक आश्रम में जाना पड़ा, तब चैपलिन की उम्र मात्र 14 वर्ष थी।

बचपन से ही चैपलिन की रुचि संगीत और अभिनय के क्षेत्र में थी, यही वजह थी कि काफी कम उम्र में ही चैपलिन ने संगीत मंडलों का दौरा करना शुरू कर दिया था, और बाल्यावस्था में ही वे एक मंच अभिनेता और हास्य अभिनेता के रूप में उभर कर सामने आए।

जब चैपलिन 19 वर्ष के हुए तो प्रतिष्ठित फ्रेड कार्नो कंपनी ने उन्हें साइन किया और उन्हें अमेरिका ले गए। यह उनके अभी तक के जीवन का सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट था। अमेरिका ले जाने के बाद फ्रेड कार्नो कंपनी ने चैपलिन को फिल्म उद्योग के लिए स्काउट किया, तथा वर्ष 1914 में उन्हें कीस्टोन स्टूडियो के लिए प्रदर्शित किया।

इसके बाद, जल्दी ही चैपलिन अपने "ट्रंप व्यक्तित्व" के साथ लोगो के सामने आए। चैपलिन के इस किरदार को खूब पसंद किया गया, और देखते ही देखते वो बेहतरीन कलाकारों की सूची में शामिल हो गए। मानो "चैपलिन" रातों रात स्टार बन गए हो।

अब चैपलिन की जिंदगी पूरी तरह से बदल चुकी थी। अब वो पैसों की तंगी तथा बदहाली की जिंदगी से कोसो दूर आ चुके थे, और उनके चाहने वालों की संख्या भी लाखों के पार जा चुकी थी।

इसके बाद उन्होंने अपनी खुद की फिल्मों का निर्देशन करना शुरू किया। 1918 तक चैपलिन की ख्याति विश्व प्रसिद्ध हो चुकी थी, तथा वो विश्व के सबसे प्रसिद्ध लोगो में से एक बन चुके थे। मगर इस दौरान भी उन्होंने अपने व्यक्तिव को निखारना जारी रखा, और शायद उनके इसी गुण ने उन्हें महान कलाकारों की श्रेणी में शामिल करवाया।

1919 में, चैपलिन ने डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी "यूनाइटेड आर्टिस्ट्स" की सह-स्थापना की, जिसके बाद उनका अपनी फिल्मों पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित हुआ। यूनाइटेड आर्टिस्ट के बैनर तले उनकी पहली फिल्म "द किड" थी, जिसे वर्ष 1921 में पर्दे पर उतारा गया। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1923 में आई फिल्म "ए वूमन ऑफ पेरिस", 1925 में आई "द गोल्ड रश", और 1925 में आई "द सर्कस" जैसी सफल फिल्मों का निर्देशन किया।

1930 के दशक में, चैपलिन का कैरियर तब विवादों में घिर गया, जब साउंड फिल्मों के आने के बावजूद भी चैपलिन ने मुक फिल्मों में ही बने रहने का फैसला किया। चैपलिन के साउंड फिल्मों में काम न करने का फैसला न्यूज चैनलों और लोगो के बीच राजनीति का विषय बन गया।

बावजूद इसके, चैपलिन ने अपनी अगली दो फिल्मों, सिटी लाइट्स (1931) और मॉडर्न टाइम्स (1936) को बिना संवाद (मुक) के ही रीलिज़ किया। चैपलिन ने अपनी हुनर के दम पर अपनी लोकप्रियता को बरकरार रखा।

मगर मुसीबतें अभी भी चैपलिन का पीछा कर रही थी। अभी चैपलिन ने एक मुसीबत से अपना पीछा छुड़ाया ही था कि उनके जीवन की सबसे बड़ी मुसीबत उनके सामने आ खड़ी हुई।

प्रेस और जनता के कुछ लोगो ने अपने से बहुत छोटी उम्र की लड़की के साथ संबद्ध रखने के चलते उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया। उनके ऊपर एफबीआई की जांच बैठी, जिसमे उन्हें पैटर्निटी सूट का दोषी पाया गया। परिणामस्वरूप, चैपलिन पर संयुक्त राज्य अमेरिका छोड़ने और स्विट्ज़रलैंड में बसने का दवाब बनाया गया।

इस घटना का चैपलिन की लोकप्रियता पर बहुत ही नाकारात्मक प्रभाव पड़ा और उनकी लोकप्रियता तेजी से कम होने लगी। अपनी घटती लोकप्रियता को बचाने के लिए चैपलिन संवाद फिल्मों में न आने के अपने फैसले को बदलने पर विवश हो गए। और वर्ष 1940 में उनकी पहली बोलती फिल्म "द ग्रेट डिक्टेटर" पर्दे पर आई, जिसमें उन्होंने हिटलर पर व्यंग किया था।

चैपलिन अपनी कम होती लोकप्रियता से इतने दुखी थे कि उन्होंने अपने "ट्रंप व्यक्तित्व" को भी त्याग दिया। हालांकि, उनके ट्रंप व्यक्तित्व का उनकी घटती लोकप्रियता से कोई संबंध नहीं था। मगर फिर भी, उन्होंने ऐसा क्यों किया, इसका कारण किसी को नहीं पता।

बाद में उनकी "मोंसियूर वेरडौक्स" (1947), "लाइमलाइट" (1952), "ए किंग इन न्यू यॉर्क" (1957) और "ए काउंटेस फ्रॉम हांगकांग" (1967) जैसी फिल्में भी आईं, जो काफी सफल रही। मगर 1930 से 1940 के दशक को चैपलिन कभी भुला नहीं पाए, शायद वह उनके जीवन का सबसे कठिन दौर था।

चैपलिन ने अपनी अधिकांश फिल्मों के निर्देशन, निर्माण, संपादन, अभिनय और संगीत खुद से तैयार किए। चैपलिन एक पूर्णतावादी व्यक्तित्व के इंसान थे, और उन्होंने अपने व्यक्तित्व ट्रंप को भी वर्षों तक पूर्णता से निखारा।

1972 में उनके काम के लिए तथा उस सदी के कला रूप में उनके द्वारा दिए गए अमूल्य योगदान के लिए, उन्हें "ऑनरेरी अकादमी" पुरस्कार दिया गया। साथ ही उनकी फिल्मों "द गोल्ड रश, सिटी लाइट्स, मॉडर्न टाइम्स, और द ग्रेट डिक्टेटर" को, सभी समय की सबसे बड़ी फिल्मों का दर्जा दिया गया।

चैपलिन ने अपने जीवन में तमाम मुश्किलों और कठिनाइयों के बावजूद भी कभी हार नहीं मानी और अपनी काबिलियत के दम पर अपना नाम इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज करवाया। उन्होंने कभी भी अपनी परेशानियों और अपनी तकलीफों को अपने चेहरे की सिकन नहीं बनने दी।

चैपलिन एक महान व्यक्तित्व के मालिक थे, जिन्होंने ताउम्र लोगों का भरपूर मनोरंजन किया और मरने के बाद भी लोगों की प्रेरणा का श्रोत बने। चैप्लिन ने दुनियां को बताया कि चाहे आपके रास्ते में लाख कठिनाइयां क्यों न हो अगर आप अपनी सोच को सकारात्मक बनाए रखते हैं तो आप किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।



चार्ली चैपलिन के प्रेरणादायक उद्धरण

मुझे अपने जीवन में कई समस्याएं हैं। लेकिन मेरे होंठ उन्हें नहीं जानते। वे हमेशा मुस्कुराते रहते हैं।
चार्ली चैपलिन



मेरा दर्द किसी के हंसने का कारण हो सकता है। लेकिन मेरी हंसी कभी किसी के दर्द का कारण नहीं होनी चाहिए।
चार्ली चैपलिन



यदि आप सिर्फ मुस्कुराते हैं तो आप पाएंगे, कि जीवन अभी भी सार्थक है।
चार्ली चैपलिन



संपूर्ण प्रेम सभी कुंठाओं में सबसे सुंदर है क्योंकि यह एक से अधिक व्यक्त कर सकता है।
चार्ली चैपलिन



सच्चा प्रेम सभी कुंठाओं में सबसे सुंदर है, क्योंकि यह उसके पास बहुत अधिक है जिसे कोई भी व्यक्त कर सकता है।
चार्ली चैपलिन



हंसी टॉनिक है, राहत है, दर्द के लिए अधिवास है।
चार्ली चैपलिन



शब्द सस्ते हैं। सबसे बड़ी बात जो आप कह सकते हैं वह है 'हाथी'।
चार्ली चैपलिन



शब्द सस्ते हैं। सबसे बड़ी बात जो आप कह सकते हैं कि वह 'हाथी' है।
चार्ली चैपलिन



मुझे हमेशा बारिश में घूमना पसंद है, इसलिए कोई मुझे रोते हुए नहीं देख सकता।
चार्ली चैपलिन



मुझे हमेशा बारिश में घूमना पसंद है, इसलिए कोई मुझे रोते हुए नहीं देख सकता।
चार्ली चैपलिन



असफलता महत्वहीन है। खुद को बेवकूफ बनाने के लिए हिम्मत चाहिए।
चार्ली चैपलिन



क्लोज़-अप में देखे जाने पर जीवन एक त्रासदी है, लेकिन लंबे शॉट में कॉमेडी।
चार्ली चैपलिन



हम सोचते बहुत अधिक हैं और महसूस बहुत कम करते हैं।
चार्ली चैपलिन



आप किस लिए एक अर्थ चाहते हैं? जीवन एक इच्छा है, अर्थ नहीं। चार्ली चैपलिन


मुझे लगता है कि सही समय पर गलत काम करने वाला जीवन का एक लोहा है।
चार्ली चैपलिन



यह दुनिया के लिए मुसीबत है। हम सभी अपने आप को तुच्छ समझते हैं।
चार्ली चैपलिन



वास्तव में हंसने के लिए, आपको अपना दर्द उठाने में सक्षम होना चाहिए, और इसके साथ खेलना चाहिए।
चार्ली चैपलिन



निराशा एक नशा है। यह मन को उदासीनता में धकेल देता है।
चार्ली चैपलिन



अगर आप इससे डरते नहीं हैं तो जीवन अद्भुत हो सकता है। यह सब साहस, कल्पना ... और थोड़ा आटा है।
चार्ली चैपलिन



मैं ईश्वर के साथ शांति से हूं। मेरा संघर्ष मनुष्य के साथ है।
चार्ली चैपलिन



दर्पण मेरा सबसे अच्छा दोस्त है क्योंकि जब मैं रोता हूं तो यह कभी नहीं हंसता है।
चार्ली चैपलिन



इस दुष्ट दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है - हमारी परेशानियाँ भी नहीं।
चार्ली चैपलिन



फिल्में एक सनक हैं। श्रोता वास्तव में एक मंच पर जीवंत अभिनेताओं को देखना चाहते हैं।
चार्ली चैपलिन



देशभक्ति एक तस्वीर के लिए प्रस्तुत करने में चित्रित करने की भावना बहुत गहरी है।
चार्ली चैपलिन



जरूरत में एक दोस्त की मदद करना आसान है, लेकिन उसे अपना समय देना हमेशा उचित नहीं होता है।
चार्ली चैपलिन



सबसे दुखद बात जिसकी मैं कल्पना कर सकता हूं वह है विलासिता की आदत।
चार्ली चैपलिन



एक व्यक्ति का असली चरित्र तब सामने आता है जब वह नशे में होता है।
चार्ली चैपलिन



मुझे जीनियस होने के लिए ड्रग्स की ज़रूरत नहीं है, इंसान होने के लिए जीनियस होना जरूरी नहीं हैं, लेकिन मुझे खुश रहने के लिए आपकी मुस्कान की ज़रूरत है।
चार्ली चैपलिन



जीवन एक नाटक है जो परीक्षण की अनुमति नहीं देता है। तो, गाओ, रोओ, नृत्य करो, हँसो और तीव्रता से जियो, इससे पहले कि पर्दे बंद हो जाएं और टुकड़ा कोई तालियां न बजाए।
चार्ली चैपलिन



अपने जीवन में कम से कम एक बार अपने बारे में सोचें अन्यथा आप इस दुनिया में सर्वश्रेष्ठ कॉमेडी को याद कर सकते हैं।
चार्ली चैपलिन



हमारे अहंकार के प्रकाश में, हम सभी गुप्त सम्राट हैं।
चार्ली चैपलिन



यदि आप नीचे देख रहे हैं तो आपको कभी भी इंद्रधनुष नहीं मिलेगा। चार्ली चैपलिन


हम सभी एक दूसरे की मदद करना चाहते हैं। इंसान जैसा है वैसा है। हम एक दूसरे के सुख से रहना चाहते हैं, एक दूसरे के दुख से नहीं।
चार्ली चैपलिन



जीवन अद्भुत हो सकता है अगर लोग आपको अकेला छोड़ देंगे।
चार्ली चैपलिन



यह एक निर्दयी दुनिया है और इससे निपटने के लिए किसी को भी निर्दयी होना चाहिए।
चार्ली चैपलिन

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